64 योगिनियाँ: तंत्र परंपरा का रहस्य और शक्ति की साधना

64 योगिनियाँ: तंत्र परंपरा का रहस्य और शक्ति की साधना

भारतीय तंत्र साधना में 64 योगिनियाँ एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। ये देवी शक्ति के रहस्यमयी और शक्तिशाली स्वरूप मानी जाती हैं, जिनकी साधना विशेष रूप से तांत्रिकों, योगियों और साधकों द्वारा की जाती है। योगिनियों का उल्लेख पुराणों, तांत्रिक ग्रंथों और शिलालेखों में मिलता है, और इनके कई प्राचीन मंदिर आज भी भारत में मौजूद हैं।

योगिनियाँ कौन हैं?

योगिनी शब्द ‘योग’ से बना है, जिसका अर्थ है ‘जुड़ना’ या ‘एकत्व को प्राप्त करना’। योगिनियाँ साधकों के लिए दिव्य ऊर्जा और तंत्र शक्ति का स्रोत हैं। इन्हें शक्ति, उग्रता, रहस्यवाद और सिद्धियों की देवी माना जाता है।

हिंदू परंपरा में शक्ति (दुर्गा, काली, पार्वती) को सर्वोच्च देवी रूप में पूजा जाता है, और योगिनियाँ इन्हीं देवियों की सहायिका या शक्तियाँ मानी जाती हैं। ये 64 योगिनियाँ देवी की अलग-अलग शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं और तंत्र साधना में एक सुप्त शक्ति (कुंडलिनी) को जागृत करने में सहायक होती हैं।

योगिनियों का तांत्रिक और पौराणिक उल्लेख

योगिनियों का वर्णन विभिन्न ग्रंथों में मिलता है, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. स्कंद पुराण – इसमें योगिनियों को उग्र देवियाँ बताया गया है, जो समय आने पर संसार की रक्षा और नाश दोनों कर सकती हैं।
  2. अग्नि पुराण – इसमें 64 योगिनियों के नामों का वर्णन किया गया है।
  3. कातंत्र और कुलार्णवतंत्र – ये तंत्र ग्रंथ योगिनी साधना, उनकी शक्तियों और तांत्रिक विधियों को विस्तार से समझाते हैं।
  4. चौंसठ योगिनी तंत्र – यह ग्रंथ योगिनियों की साधना, मंत्र, यंत्र और उनके रहस्यमय स्वरूपों को दर्शाता है।

64 योगिनियों के रहस्यमयी स्वरूप

ये 64 योगिनियाँ आमतौर पर चार समूहों में विभाजित की जाती हैं:

  • स्वरूप योगिनियाँ – ये सौंदर्य, आकर्षण और प्रेम से जुड़ी होती हैं।
  • रक्षक योगिनियाँ – ये साधकों की रक्षा करती हैं और बुरी शक्तियों से बचाती हैं।
  • सिद्ध योगिनियाँ – ये सिद्धियों और तंत्र साधना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • प्रलयकारी योगिनियाँ – ये उग्र स्वरूप धारण कर दुष्ट शक्तियों का नाश करती हैं।

योगिनियों के कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

रणवीरा, खड्गिणी, महाचंडा, भ्रामरी, उग्रतारा, दामिनी, कालरात्रि, शांभवी, वाराही, बगलामुखी, छिन्नमस्ता, आदि।

योगिनी मंदिर और उनके रहस्य

भारत में कई स्थानों पर योगिनी मंदिर पाए जाते हैं। ये मंदिर सामान्य हिंदू मंदिरों से अलग होते हैं, क्योंकि इनमें छत नहीं होती और ये गोलाकार संरचना में बने होते हैं। कुछ प्रमुख मंदिर:

1. हीरापुर योगिनी मंदिर (ओडिशा)

यह भारत का सबसे प्रसिद्ध योगिनी मंदिर है, जिसे 9वीं शताब्दी में बनाया गया था। इसमें 64 योगिनियों की सुंदर मूर्तियाँ हैं, जो गोलाकार मंदिर के चारों ओर स्थापित हैं।

2. मितावली योगिनी मंदिर (मध्य प्रदेश)

यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि नई दिल्ली के संसद भवन की संरचना इसी से प्रेरित है।

3. खजुराहो योगिनी मंदिर (मध्य प्रदेश)

यह मंदिर खजुराहो के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। यहाँ की मूर्तिकला में योगिनियों को विभिन्न भाव-भंगिमाओं में दर्शाया गया है।

4. लोहारदेव योगिनी मंदिर (उत्तर प्रदेश)

यह मंदिर गुप्तकालीन समय का है और इसमें देवी योगिनियों की साधना होती थी।

योगिनी साधना और तंत्र परंपरा

योगिनी साधना में विशेष मंत्र, यंत्र और तंत्र क्रियाओं का पालन किया जाता है। यह साधना केवल योग्य और प्रशिक्षित तांत्रिकों द्वारा ही की जाती है, क्योंकि यह बहुत ही गूढ़ और शक्तिशाली होती है।

योगिनी साधना के लाभ:

✔ तंत्र सिद्धियों की प्राप्ति
✔ कुंडलिनी शक्ति का जागरण
✔ आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान
✔ शत्रु बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

योगिनी साधना से जुड़े रहस्य और मान्यताएँ

  • कहा जाता है कि योगिनी साधना में त्रुटि करने पर साधक को मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
  • कई मंदिरों में रात के समय जाना वर्जित होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि वहाँ योगिनियों की उपस्थिति महसूस की जा सकती है।
  • योगिनी मंदिरों की संरचना इस प्रकार बनाई गई है कि वहाँ विशेष ऊर्जाएँ संचित रहती हैं, जिससे साधना प्रभावशाली बनती है।

योगिनियों और असुर जातियाँ: एक तांत्रिक संबंध

भारतीय ग्रंथों में दैत्य, दानव और राक्षसों का उल्लेख मिलता है, जो अक्सर देवताओं के विरोधी माने जाते हैं। कुछ तांत्रिक परंपराएँ मानती हैं कि कुछ योगिनियाँ असुरों की कुलदेवियाँ थीं और वे अपने अनुयायियों को विशेष तांत्रिक शक्तियाँ प्रदान करती थीं।

कुछ योगिनियों को चौसठ तंत्र विद्याओं की अधिष्ठात्री भी माना जाता है, जो विभिन्न योगिक और तांत्रिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती हैं।

निष्कर्ष

64 योगिनियाँ केवल तांत्रिक साधना का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे देवी शक्ति के गूढ़ रहस्य और ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं को दर्शाती हैं। इनकी साधना गुप्त और रहस्यमयी होती है, जो साधक को उच्च आध्यात्मिक स्तर पर ले जा सकती है। योगिनी मंदिर, उनकी साधना और उनसे जुड़ी मान्यताएँ भारतीय संस्कृति, धर्म और तंत्र परंपरा का एक महत्वपूर्ण अध्याय हैं।

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